जब कोलिन शाह, मैनेजिंग डायरेक्टर कमा ज्वैलरी ने 15 अक्टूबर 2023 को बताया कि सोने की कीमत के अभूतपूर्व उछाल के बावजूद उपभोक्ता अब 22‑24 कैरेट की बजाय 18 और 14 कैरेट के गहनों को चुन रहे हैं, तो यह खबर उद्योग में कई बदलावों का संकेत देती है। दिल्ली के सराफा बाजार में 10 ग्राम का सोना ₹1,31,800 तक पहुँच गया, और यही कारण है कि तानिष्क और सेनको गोल्ड जैसी कंपनियों ने अपनी 18‑14 कैरेट रेंज को विस्तार दिया।
फेस्टिवल सीज़न में बदलता उपभोक्ता व्यवहार
धनतेरस‑दीपावली की वर्षा के दौरान भारतीय घी-छीपे वाले शहरों में गहनों की खरीद हमेशा से शुभ मान ली जाती है। लेकिन इस बार खरीदारों की प्राथमिकता बदल गई है। कमा ज्वैलरी के डेटा के अनुसार, 22‑24 कैरेट की भारी, निवेश‑उन्मुख पीस की तुलना में हल्के वजन वाले 18‑14 कैरेट के टुकड़े, जिनकी कीमत ₹9,000‑₹18,000 के बीच है, की मांग 30 % तक बढ़ी। उपभोक्ता अब “पहनने‑के‑लिए” गहनों को अधिक महत्व दे रहे हैं, न कि सिर्फ “सहेज‑के‑रखने” के लिए।
सोने की कीमतों का रिकॉर्ड ऊँचाई पर पहुँचना
भारत बुलेयन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) ने 18 अक्टूबर 2025 को 24 कैरेट सोने की कीमत ₹1,29,584 प्रति 10 ग्राम दर्ज की। उसी दिन ऑल इंडिया सराफा एसोसिएशन (All India Sarafa Association) ने दिल्ली में कर‑समेत कीमत ₹1,34,800 तक पहुंचाई। फ्यूचर्स मार्केट में 10 ग्राम सोना ₹1,32,294 पर बंद हुआ, जबकि चांदी की कीमत ₹1,70,415 प्रति किलोग्राम तक बढ़ी। इन आँकड़ों से पता चलता है कि सोना सिर्फ दाम में नहीं, बल्कि बाजार की स्थिरता में भी उतार‑चढ़ाव कर रहा है।

मुख्य रिटेलरों की रणनीति: 18‑14 कैरेट पर फोकस
तानिष्क ने विशेष रूप से शादी‑सीज़न को लक्षित करते हुए 18 कैरेट की नई कलेक्शन लॉन्च की। कंपनी के प्रोडक्ट मैनेजर ने कहा, “उपभोक्ता हल्के, टिकाऊ और रोजमर्रा में उपयोगी गहनों को पसंद कर रहे हैं। हम इसे सस्ती कीमत पर लेकिन डिज़ाइन में कभी समझौता नहीं करने के साथ पेश कर रहे हैं।” इसी तरह, सेनको गोल्ड ने 14 कैरेट के बैंड और पेंडेंट की लाइन को विस्तारित किया और 9 कैरेट पर भी प्रयोग करने की योजना बताई। दोनों रिटेलर मानते हैं कि यदि कीमतें और बढ़ीं तो ये लो‑कैरेट विकल्प उनकी बिक्री को बचा सकते हैं।
उद्योग की चुनौतियाँ और भविष्य की संभावनाएँ
विज़ेट्री कस्टम्स द्वारा लगाए गए भारी निर्याती शुल्क ने पिछले साल कई ज्वैलरी निर्माताओं को दिक्कत में डाल दिया था। ऐसे में 18‑14 कैरेट के गहनों की बढ़ती मांग उद्योग को एक तरंग देता दिख रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सत्रह‑शिशु‑आगे‑किसी‑फरवरी तक इस रुझान में गिरावट नहीं आती, तो वार्षिक बिक्री में 18‑20 % की वृद्धि संभावित है।
प्रमुख अर्थशास्त्री डॉ. रितिका मिश्रा ने टिप्पणी की, “सोन की कीमतें दीर्घावधि में स्थिर नहीं होंगी, लेकिन उपभोक्ता व्यवहार में बदलाव—जैसे कम कैरेट की ओर झुकाव—बाजार को अनुकूलित करने की दिशा में एक स्वस्थ संकेत है।” इस बदलाव के साथ, छोटे आकार के गहनों, कस्टम डिज़ाइन और ऑनलाइन बिक्री प्लेटफ़ॉर्म का महत्व भी बढ़ रहा है।

संक्षिप्त आँकड़े और विशेषज्ञ राय
- 15 अक्टूबर 2023: दिल्ली सराफा बाजार में 10 ग्राम सोना ₹1,31,800 पर ट्रेड हुआ।
- 18 अक्टूबर 2025: न्यू दिल्ली में 24 कैरेट की कीमत ₹140,271 प्रति 10 ग्राम, 18 कैरेट ₹105,732।
- उपभोक्ताओं ने 22‑24 कैरेट के बजाय 18‑14 कैरेट के गहनों में 30 % अधिक खर्च किया।
- कमा ज्वैलरी के अनुसार, पूरे फेस्टिवल सीज़न में कुल बिक्री में 18‑20 % की वृद्धि की उम्मीद है।
इन आँकड़ों से यह स्पष्ट है कि सोने की कीमतों में लगातार उछाल के बावजूद भारतीय ज्वैलरी बाजार ने लचीलापन दिखाया है। भविष्य में, डिजिटल ट्रेंड और हल्के‑वजन वाले गहनों की माँग दोनों ही इस बदलाव को और तेज़ कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
बढ़ती सोने की कीमतों से आम जनता पर क्या असर पड़ेगा?
उच्च कीमतों के कारण लोग भारी 22‑24 कैरेट के गहनों की बजाय हल्के 18‑14 कैरेट के विकल्प चुनेंगे। इस बदलाव से दाम में थोड़ा कमी आएगी, लेकिन कुल खर्च स्थिर रह सकता है क्योंकि लोग फिर भी लक्ज़री सामान पर खर्च करना चाहते हैं।
क्या 9 कैरेट का गहना अब मुख्यधारा में आएगा?
सेनको गोल्ड ने अपनी योजना में 9 कैरेट की लाइन को जोड़ने का जिकर किया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि कीमतें और बढ़ें तो 9 कैरेट एक किफ़ायती विकल्प बन सकता है, खासकर युवा और प्रथम‑बार खरीददारों के लिए।
तुरंत आने वाली फेस्टिवल सीज़न में रिटेलर क्या कर रहे हैं?
तानिष्क और सेनको गोल्ड जैसे बड़े रिटेलर ने 18‑14 कैरेट के नए कलेक्शन लॉन्च किए हैं, साथ ही ऑनलाइन डिस्काउंट और आसान किस्त‑विकल्प भी पेश कर रहे हैं ताकि कीमत‑सेंसेटिव ग्राहक आकर्षित हो सकें।
निर्यात करों का ज्वैलरी उद्योग पर क्या प्रभाव है?
भारी निर्यात करों के कारण कई निर्माताओं को लागत में वृद्धि का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उन्हें कम‑कैरेट के गहने बनाकर मार्जिन बचाने की आवश्यकता महसूस हो रही है। इस कारण बाजार में हल्के‑वजन वाले उत्पादों की उपलब्धता बढ़ी है।