कपूर परिवार की कहानी – बॉलीवुड की शान

जब बॉलीवुड की बात आती है तो "कपूर" नाम सुनते ही दिमाग में कई चेहरे घूमते हैं। राज कपूर की क्लासिक फिल्मों से लेकर रणबीर कपूर की आधुनिक रोमांस तक, इस परिवार ने हर युग में दर्शकों को जोड़े रखा है। तो चलिए, थोड़ा‑बहुत इस बड़े कुटुंब के बारे में बात करते हैं और देखते हैं कि उन्होंने किस तरह से सिनेमा को रंगीन बनाया है।

पहली पीढ़ी: राज, शशि और शाहरुख के दादा

कपूर परिवार की जड़ें 1920 के दशक में जम गईं जब सर दादा सक्सेना कपूर ने पहली फिल्म बनाई। पर असली पहचान उनके दोनों बेटे – राज और शशि ने दिलवाई। राज कपूर ने "आवारा", "श्री 420" जैसी फिल्मों से बॉलीवुड में नया लहाजा पेश किया। उनकी कहानी, प्यार, समाजिक मुद्दों को बड़े दिलचस्प ढंग से दिखाते थे। शशि कपूर ने भी "वीर जंगली" और "माइकल क्लेफोर्ड" जैसी फिल्मों से एक अलग अंदाज़ दिया। दोनों भाईयों ने न सिर्फ़ फेमस फ़िल्में बनाई, बल्कि अपनी खुद की फ़िल्म प्रोडक्शन कंपनी भी चलायी, जिससे बाद की पीढ़ी को भी काम मिला।

दूसरी पीढ़ी: रिषि, प्रीति, और करिश्माई कनेक्शन

राज और शशि की अगली पीढ़ी ने भी बड़ा धमाका किया। रिषि कपूर ने "सिलसिला", "बेटी बाज़े" जैसी फिल्मों में अपनी एक्टिंग से लोगों को मुस्कुराया। प्रीति जैन कपूर, जिन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह एक स्टार बनेंगी, लेकिन उन्होंने "हमराज़" में शानदार डेब्यू किया। इस दौर में करिश्माई कनेक्शन बना – जया बच्चन, सुनिधि शाह, और कई अन्य कलाकारों का प्यार। उनका फ़ोकस अधिकतर रोमांटिक कहानियों और दिल को छु जाने वाले गीतों पर था।

तीसरी पीढ़ी में, हम देखते हैं करिश्मा कपूर, करिश्मा सून, और विकसित होते हुए कनेक्शन। करिश्मा कपूर ने "दिलवाले" जैसी फ़िल्मों में नई ऊर्जा लाई, जबकि सून ने "हीरो दिग्गज" जैसी फिल्मों में अपने ढंग से अभिनय किया। इस पीढ़ी ने भी प्रोडक्शन, डाइरेक्शन और एक्टिंग में बराबर हाथ आज़माया।

अब बात करते हैं सबसे लोकप्रिय नई पीढ़ी की – रणबीर और करीना। रणबीर ने "बादलें फुल्लनवा", "लेडीफेस्ट" जैसी फ़िल्मों में युवा दिलों को जीत लिया। उनका स्टाइल, दोस्ती और रिलेशनशिप को लेकर कंटेंट बहुत ही ताज़ा है। करीना कपूर ने "जब वी मेट", "तिगड़ी" जैसी फ़िल्मों में वल्मो ट्रेंड सेट किए। उनके फैशन टिप्स और साक्षरता ने युवा वर्ग को आकर्षित किया। दोनों ने अपने निजी ब्रांड और सोशल मीडिया पर भी बड़ा फैन बेस बनाया।

कपूर परिवार की ख़ास बात यह है कि उन्होंने हमेशा एक दूसरे को सपोर्ट किया। जब रिषि को दिक्कत हुई, तो शहिदे की मदद करने वाले शहिदे ने कंधा दिया। जब रणबीर को नई फ़िल्म में जोखिम उठाना पड़ा, तो करीना ने हमेशा उसे प्रेरित किया। इस तरह की टीमवर्क ने इस कुटुंब को एक साथ जोड़े रखा है।

अंत में, कपूर परिवार सिर्फ़ एक फ़िल्मी कुटुंब नहीं, बल्कि एक ब्रांड है। इनकी फ़िल्में अक्सर सामाजिक मुद्दों को छूती हैं और दर्शकों को जिंदगी की नई दिशा देती हैं। चाहे वह राज के समय की सामाजिक फिल्में हों या आज के रणबीर की पॉप-कल्चर प्रेमी फ़िल्में, कपूर ने हमेशा कुछ नया करके दिखाया है। इसलिए अगर आप बॉलीवुड के इतिहास को समझना चाहते हैं, तो कपूर परिवार के फ़िल्मों को देखना फायदेमंद रहेगा।

कपूर परिवार नेपोटिज्म में सबसे ऊपर है?

  • फ़र॰, 15 2023
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कपूर परिवार नेपोटिज्म में एक ऐसा परिवार है जो प्रतिभाशाली व्यक्तियों के साथ पूरे देश में फैला हुआ है। परिवार के आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र में उनका सम्मान अत्यधिक है। कपूर परिवार नेपोटिज्म में सबसे ऊपर पर आता है। परिवार के समुदाय से जुड़े वार्तालाप और परिवार के साथियों के साथ स्नेहपूर्ण संबंध का प्रदर्शन किया जाता है। कपूर परिवार नेपोटिज्म में सबसे ऊपर हैं।

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